कहते हैं इरादा बुलंद हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है. इस बात को एक बार फिर सच साबित किया है एक किसान के बेटे अविनाश कुमार ने. जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 17 वीं रैंक हासिल कर ना सिर्फ अपने मां-बाप का नाम रौशन किया है बल्कि पूरे गांव का नाम रौशन किया है.
किसान का बेटा बना IAS
हौसला बुलंद हो तो बुलंदियों को छूने से कोई रोक नहीं सकता. इस बात को सच साबित किया है दो बार यूपीएससी के पीटी में लगातार असफलता मिलने के बावजूद यूपीएससी में तीसरी बार 17 वीं रेंक लाकर न केवल गांव बल्कि जिले का नाम रोशन किया है. 25 वर्षीय यूपीएससी अचीवर अविनाश कुमार के पिता अजय कुमार सिंह पेशे से एक साधारण किसान है. वही अविनाश की मां प्रतिमा देवी एक कुशल गृहिणी है. अविनाश के 17 वीं रैंक मिलने से पूरे जिला में जश्न का माहौल है. गांव के सभी लोग अविनाश और उनके परिवार को बधाई देने के लिए उनके घर तक पहुंच रहे हैं.
इंजीनियरिंग की नौकरी के बाद की थी यूपीएससी की तैयारी
आपको बता दें दसवीं तक की पढ़ाई अविनाश ने फारबिसगंज स्थित रानी सरस्वती विद्या मंदिर से 10 सीजीपीए अंक प्राप्त कर किए . वहीं 12वीं तक की पढ़ाई चिन्मय विद्यालय बोकारो झारखंड से 93. 2 प्रतिशत अंक के साथ किए. इंजीनियरिंग की पढ़ाई इन्होंने यादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता पश्चिम बंगाल से 9.6 सीजीपीए के साथ करने में सफलता हासिल की. अविनाश ने 11 महीने तक पश्चिम बंगाल बिजली परियोजना में भी इंजीनियरिंग की नौकरी की उसके बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए.
बेटे की तरक्की पर मां-बाप ने दिया आशीर्वाद
अविनाश के पिता अजय कुमार सिंह काफी भावुक लहजे में कहा कि उन्हें पहले से भरोसा था कि किसान का बेटा IAS बनेगा यूपीएससी में सफलता प्राप्त करेगा. मगर 17 वीं रैंक लाने की जानकारी से वे काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि सच्चाई और ईमानदारी से काम करने वाले को अच्छा ही परिणाम मिलता है. वही बेटे की सफलता से गदगद उसकी मां प्रतिमा देवी भी इस बात से खुश है कि अब वह आईएस की मां बन चुकी है. प्रतिमा ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे की तरक्की की भी आशीर्वाद दिया है. जबकि उसके पिता अजय कुमार सिंह ने कहा की बेटे ने बड़ी सफलता हासिल की है. इसका उसे नाज है मगर वह चाहते हैं कि अब मेरा बेटा इमानदारी पूर्वक भविष्य में अपने कर्तव्य का निर्वहन करें.