बिहार के इस गांव में दीपावली से एक दिन पहले ही मनाई जाती है दीपावली, सवा सौ साल से ज्यादा पुरानी परंपरा

बिहार में दरभंगा के नवादा गांव में दीपावली एक दिन पहले ही मनाई जाती है। सवा सौ साल से अधिक पुरानी यह परंपरा आज भी जीवित है। नवादा भगवती की विशेष पूजा भी होती है, हालांकि लक्ष्मी पूजन दीपावली के दिन ही होता है। करीब 10 हजार की आबादी वाले नवादा गांव का दरभंगा महाराज के घराने से काफी अच्छा संबंध था। दरभंगा महाराज के यहां एक दिन पहले दीपावली मनाने की परंपरा थी। गांव के एक पहलवान सुखदेव पर महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह (1880-1898) की विशेष कृपा थी। उन्हीं के समय से नवादा के ग्रामीणों ने दरभंगा राज की तरह एक दिन पहले दीपावली मनाने की शुरुआत की। तब से यह परंपरा चली आ रही है।

दीपावली से पहले मनाई जाती है दीपावली

ग्रामीण गांव की मुख्य सड़कों की सफाई खुद करते हैं। घर के भीतर तो सभी सफाई करते ही हैं, ग्राम समाज के प्रति जिम्मेदारी समझते हुए सड़क भी साफ की जाती है। जिस दिन दीपावली मनानी होती है, उस शाम को ग्रामीण पहले नवादा भगवती मंदिर पर जुटते हैं। यहां कोई प्रतिमा नहीं लगी है। सिर्फ पत्थर का एक सिंहासन है। इसकी पूजा के बाद ग्रामीण घर जाते हैं और दीप जलाते हैं। दीपावली की तरह पकवान बनते हैं। आतिशबाजी होती है।

इस अवसर पर प्रत्येक घर में उक्का-पाती (खर की मशाल) जलाकर हर कमरे में ले जाया जाता है। इस दौरान पूर्वजों का स्मरण किया जाता है। माना जाता है कि इससे बुरी आत्माएं दूर होती हैं। समृद्धि आती है। इस उक्का-पाती को बुझाने के बाद खेत में गाड़ दिया जाता है। नवादा के मुखिया प्रदीप कुमार यादव बताते हैं कि परंपरा को हम आज भी जीवित रखे हुए हैं। मान्यता है कि इससे गांव में समृद्धि व खुशहाली बनी रहती है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है।

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