ISRO द्वारा युवा विज्ञानी कार्यक्रम(YUVIKA) के तहत आयोजित परीक्षा में सुपौल के छात्र दुर्गेश कुमार का चयन हुआ है. अब वह इसरो में 12 दिनों की विशेष ट्रेनिंग के लिए बेंगलुरु जाएगा. खास बात यह है कि दुर्गेश के पिता दिल्ली में ऑटो ड्राईवर हैं. जबकि मां गृहणी हैं. दोनों ही नान मैट्रिक हैं. मालूम हो कि बीते 9 मार्च को इसरो द्वारा आयोजित ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर देशभर से कुल 350 छात्रों का चयन किया गया है, इसमें सुपौल जिले के किशनपुर हाई स्कूल के नवमीं कक्षा के छात्र दुर्गेश ने पूरे देश में 252वां स्थान प्राप्त किया. चयनित सभी छात्र-छात्राओं को इसरो विशेष प्रशिक्षण देगा. इसके लिए सभी को ईमेल से सूचित किया गया है.
ISRO बेंगलुरु में दिया जाएगा प्रशिक्षण
सुपौल जिले के किशनपुर प्रखंड अंतर्गत अन्दौली वार्ड-06 निवासी दुर्गेश के चयन से पिता राजकुमार चौधरी और मां सरिता देवी सहित पूरा परिवार गदगद है. दुर्गेश ने बताया कि आगामी 12 से 24 मई के बीच बेंगलुरु के यूआर राव सेटेलाइट सेंटर में विशेष प्रशिक्षण के लिए उसे बुलाया गया है. इसके के लिए वह 8 मई को सुपौल से रवाना होगा. दुर्गेश ने बताया कि वह आगे चलकर सिविल सर्विस में जाने की चाहत रखता है. हालांकि विज्ञान और वैज्ञानिक खोज में उसकी अभिरूचि रही है. युबिका में चयन के बाद अब वह स्पेस रिसर्च को करीब से देखने के लिए खासा उत्साहित है. अगर प्रशिक्षण कार्यक्रम में उसकी उत्सुकता को और बल मिला तो वह भी आगे चलकर वैज्ञानिक बनने की सोच सकता है.
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दुर्गेश की मां सरिता देवी बताती हैं कि ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण उन्हें ISRO के विषय कोई खास जानकारी नहीं थी. लेकिन हाई स्कूल के शिक्षक जितेंद्र कुमार ने ज़ब इसरो और इस परीक्षा के बारे में बताया तो हमलोगों ने भी दुर्गेश का मनोबल बढ़ाया. सरिता के अनुसार, शिक्षा की कमी के कारण दोनों पति-पत्नी ने जो समस्याएं झेली, उसका असर अपने बच्चों पर नहीं होने देना चाहती है. लिहाजा अपने चारों बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बता दें कि चार भाई- बहन में दुर्गेश तीसरे स्थान पर है. उसकी बड़ी बहन सपना ग्रेजुशन, जबकि दूसरी बहन अंशु ने इसी साल इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है. छोटा भाई अखिलेश अभी छठी कक्षा में है.
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