बिहार: मां ने बकरी पालन कर बेटे को पढ़ाया, IAS Officer बनकर Vishal ने नाम किया रौशन

IAS Officer Vishal Kumar 484 Rank in UPSC CSE Success Story: मेहनत और लगन से किसी भी मंजिल को कैसे प्राप्त करते हैं यह बीते दिन यूपीएससी की ओर से जारी किए गए सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम में सफल उम्मीदवारों ने साबित किया है। देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा में सफलता प्राप्त करके इन उम्मीदवारों ने साबित कर दिया है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।

इसके आगे कोई भी संघर्ष बड़ा नहीं होता। ऐसी ही कई सफल उम्मीदवारों की कहानियां बीते दिन से ही सभी के सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में हम लेकर आए हैं, बिहार के विशाल की कहानी, जो अपने आप में संघर्ष और इसके बाद मिली सफलता की असल कहानी है।

विशाल ने 484वां रैंक प्राप्त किया


बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले विशाल ने संघ लोक सेवा आयोग UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2021 में 484वां रैंक प्राप्त की। उनकी इस सफलता के बाद मीनापुर प्रखंड स्थित उनके गांव मकसूदपुर में जश्न का माहौल बन गया। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा।

मां करती है बकरी पालन

यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने वाले विशाल बेहद गरीब घर से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता की साल 2008 में मौत हो गई थी। वे ही मजदूरी करके अपने घर का पालन-पोषण करते थे। उनके जाने के बाद घर के हालात बेहद खराब हो गए थे। इसके बाद विशाल की मां रीना देवी ने बकरी और भैंस पालकर अपने परिवार का भरण पोषण किया।


सफलता का श्रेय परिवार और शिक्षक को


Vishal अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने परिवार और अपने अध्यापक गौरी शंकर प्रसाद को देते हैं। विशाल के अनुसार गौरी शंकर ने मुश्किल हालात में उनकी बहुत मदद की है। उन्होंने विशाल के पढ़ाई की फीस दी। पैसों की तंगी के समय अपने ही घर में रखा। जब विशाल नौकरी करने लगे थे तब अध्यापक ने ही उन्हें नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने को प्रोत्साहित किया। इस दौरान भी अध्यापक गौरी शंकर ने उनकी आर्थिक मदद की।

पिता कहते थे बेटा बड़ा आदमी बनेगा


विशाल के स्वर्गीय पिता बिकाउ प्रसाद कहा करते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बनेगा। विशाल ने आखिरकार उनका सपना सच कर दिया है। Vishal ने साल 2011 में मैट्रिक में टॉप किया था। इसके बाद उन्होंने साल 2013 में आईआईटी कानपुर में प्रवेश लिया था। यहां से पास आउट होने के बाद विशाल ने रिलायंस कंपनी में जॉब की थी। अध्यापक गौरी शंकर के अनुसार Vishal शुरू से ही पढ़ने में काफी अच्छा था। पिता की मौत के बाद उसने और अधिक मेहनत करनी शुरू की और आज सफलता के इस मुकाम को हासिल किया है।

Input : Amar Ujala

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