BPSC अभ्यर्थी ध्यान दें:एक्सपर्ट ने बताया; आनेवाली परीक्षाएं होंगी टफ, जो सेल्फ स्टडी पर देंगे जोड़ सफलता उन्हीं को मिलेगी

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की कई परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं। स्टूडेंट के पास आपदा को अवसर में बदलने का समय है। पिछली बार लॉकडाउन के बाद हुई 66 वीं PT परीक्षा का कटऑफ 12 नंबर ऊपर चला गया था। भास्कर ने परीक्षा विशेषज्ञों से बात कर अभी हालात में अभ्यर्थियों की तैयारी के बारे में जानने की कोशिश की। विशेषज्ञों का कहना था कि इसबार भी सेल्फ स्टडी के जरिए अपने ज्ञान के लेवल को बढ़ाकर बिहार के मेधावी इतिहास रच सकते हैं। अभी के समय का जो अभ्यर्थी सदुपयोग नहीं करेंगे वे पिछड़ जाएंगे। 66 वीं PT के रिजल्ट ने बता दिया है कि आनेवाली परीक्षाएं टफ होंगी और आवेदक अधिक।

तिथि रद्द होने पर सुस्त हुए कि पिछड़ जाएंगे, स्टेमना बनाए रखें:-

BPSC ऑफिस, पटना में 15 दिनों में 35 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। एक मेंबर और एक डिप्टी सेक्रेट्री भी इसकी चपेट में हैं। राज्य भर में कोरोना से लोगों की मौतें हो रही हैं। अस्पताल में बेड नहीं है और लोगों को सरकार सहित डॉक्टरों का निर्देश है कि घर से कम से कम बाहर निकलें। इन सब बातों के देखते हुए आयोग ने पंचायत ऑडिटर PT परीक्षा, प्रोजेक्ट मैनेजर प्रारंभिक परीक्षा और सिविल जज की मुख्य परीक्षा रद्द कर दी है। मई में CDPO की प्रारंभिक परीक्षा संभावित है। इस परीक्षा की तिथि की घोषणा अभी नहीं की गई है। आशंका है कि उसमें भी देर हो सकती है। BPSC के पास स्टाफ की खासी कमी है और उस कमी को पूरी करने के लिए 24 स्टाफ की जरूरत है। इसके लिए आयोग आवेदन भी ले चुका है, लेकिन इसकी परीक्षा की तिथि की घोषणा नहीं हुई है। आयोग चाहता है कि बाकी परीक्षाओं से पहले वह इस परीक्षा की प्रक्रिया पूरी कर ले, लेकिन कोरोना ने आयोग को लाचार कर दिया है। BPSC 66 वीं की लिखित परीक्षा 5 जून से होनी है। दारोगा के 2213 पद के लिए PT परीक्षा मई में संभावित है, लेकिन उसकी तिथि भी बढ़ सकती है। परीक्षाओं के रद्द होने या तिथि बढ़ने से आपने ढ़िलाई दिखाई और सुस्त हुए कि आप पिछड़ जाएंगे। जो तेज स्टूडेंट हैं, वे इस कोरोना काल का बेहतर इस्तेमाल में लग गए हैं। कोचिंग भले बंद हैं, लेकिन सेल्फ स्टडी का जोड़ अभी भी नहीं है।

इस बार फिर कटऑफ ज्यादा जा सकता है, स्टडी का लेवल बढ़ाएं:-

वर्षों से इन परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले डॉ. M रहमान ने भास्कर को बताया कि दो-तीन महीने का एक्ट्रा मौका मिला है और इस समय का इस्तेमाल सिस्टमेटिक तरीके से सेल्फ स्टडी करके कर सकते हैं। वे बताते हैं कि 65 वीं PT परीक्षा और 66 वीं PT परीक्षा के परिणाम पर गौर करें तो 66 वीं का कटऑफ ऐतिहासिक रूप से काफी ज्यादा चला गया था। 10 से 12 नंबर का अंतर आ गया था। यह मूल रूप से पिछली बार लगे लॉकडाउन का भी असर था। इस बीच अभ्यर्थियों ने ध्यान केन्द्रित कर सेल्फ स्टडी पर खुद को फोकस किया था। इस बार लॉकडाउन नहीं है, लेकिन परिस्थितियां वैसी ही हैं। इस बार भी शिक्षा संस्थान बंद हैं। डॉ. रहमान अभी खुद सोशल मीडिया पर फ्री क्लास ले रहे हैं। उनका कहना है कि इस समय अभ्यर्थी अपने ज्ञान का लेवल बढ़ाते रहें।

आयोग जब तिथि की घोषणा करेगा, तब समय कम देगा, तैयार रहें:-

प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले विजय कुमार पाण्डेय कहते हैं कि पिछले साल भी मेंस के पहले कोरोना की यही स्थिति थी। तब लॉकडाउन हुआ था। इस बार कई तरह की बंदी है। इसलिए बेहतर हो कि तैयारी करने वाले सेल्फ स्टडी पर फोकस करें। कोचिंग संस्थानों ने गेस प्रश्नपत्र दे दिया है, स्टूडेंट एक साल के उस करेंट अफेयर्स पर ध्यान रखें। उसे रिविजन करते रहें। BPSC का ट्रेंड रहा है कि वह सत्र को सुधारने के दबाव में परीक्षा की तिथि घोषित करने में समय कम देता है। इसलिए जिन परीक्षाओं की तिथि रद्द की गई, उससे जुड़े अभ्यर्थी रिविजन करते रहें और उसे विस्तार भी देते रहें। 67 वीं BPSC PT भी टफ होगी।

कोरोना के नॉर्मल होने का इंतजार कर रहे हैंः BPSC परीक्षा नियंत्रक:-

आयोग के परीक्षा नियंत्रक अमरेन्द्र कुमार से मीडिया ने बात की। उन्होंने बताया कि परीक्षा तो देर-सवेर BPSC लेगा ही। हम कोरोना के नॉर्मल होने का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच के समय का बेहतर इस्तेमाल अभ्यर्थी सेल्फ स्टडी में लगाकर कर सकते हैं। कई परीक्षाओं को रद्द करने से आने वाले समय में सत्र को नियमित रखने के लिए दबाव बढ़ जाएगा।
All The Best!
Bihar Times

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