दो नदियों से अबतक साढ़े पांच लाख लीटर शराब बरामद,जानिए कहां का है मामला

Desk: पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा की तरफ बहने वाली सतलुज और ब्यास नदी कच्ची दारू उगल रही हैं। जुलाई-अगस्त में पंजाब में जहरीली शराब पीने से सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद आबकारी व पुलिस विभाग ने पूरे प्रदेश में सर्च अभियान चलाया था। इस अभियान में सतलुज और ब्यास दरिया से लगभग साढ़े पांच लाख लीटर से ज्यादा कच्ची दारू पकड़ी गई है। 

सतलुज-ब्यास संगम से बनी हरिके पत्तन झील से आबकारी व पुलिस विभाग कई बार भारी मात्रा में कच्ची दारू पकड़ चुका है। शराब तस्करों ने अपनी किश्तियां रखी हुई हैं। जब टापू की तरफ पुलिस छापेमारी करने आती है तो किश्तियों के माध्यम से अपना सामान लाद कर दूसरे रास्ते से निकल जाते हैं। ऐसे में कई बार पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ता है। 

शराब तस्कर प्लास्टिक के लिफाफों में कच्ची दारू भरकर पैकेट बनाते हैं और बीस रुपये के हिसाब से बेच देते हैं। जुलाई-अगस्त माह में अमृतसर, तरनतारन और बटाला में जहरीली शराब पीने के कारण सौ लोगों की मौत के बाद ही फिरोजपुर जिले में साढ़े पांच लाख लीटर कच्ची दारू पकड़ी गई है, जबकि इससे पहले पुलिस ने कभी कच्ची दारू नहीं पकड़ी थी।

आबकारी और पुलिस विभाग छापेमारी कर रोजाना दरिया से कच्ची दारू पकड़ रहा है। फिरोजपुर के सीमांत गांव हबीबके, अलीके और झुग्गे निहंगां वाले के नजदीक बहते दरिया में बने सरकंडों के टापूओं से कच्ची दारू पकड़ी जा रही है। फिरोजपुर में कच्ची दारू बनाने के मामले में सीमांत गांव अलीके व हबीबके सबसे ज्यादा बदनाम हैं।

आबकारी व पुलिस विभाग ने संयुक्त अभियान चलाकर जुलाई में लगभग 58 हजार लीटर कच्ची दारू, अगस्त में करीब 29 हजार लीटर, सितंबर में 35 हजार लीटर, अक्तूबर में दो लाख 50 हजार लीटर, नवंबर में 81 हजार लीटर और दिसंबर में अब तक 23 हजार लीटर कच्ची दारू पकड़ी है।

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