कल से पटना की सड़कों पर नही दौड़ेंगी डीजल गाड़ियां; ये है असल वजह

राजधानी की सड़कों पर 1 अप्रैल से डीजल बस और ऑटो नहीं चलेंगे। एक साथ करीब 250 डीजल बस और 12 हजार डीजल ऑटो शहर से बाहर हाे जाएंगे। परिवहन विभाग ने 31 मार्च तक ही शहर में डीजल बसें और ऑटो चलाने की अनुमति दी है। वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ऐसा निर्णय लिया गया है।

दरअसल, वर्ष 2019 में पटना वायु प्रदूषण के मामले में देश में टॉप पर पहुंच गया था। यहां का एक्यूआई लेवल 400 के पार चला गया था। इसकी सबसे बड़ी वजह गाड़ियों से निकलने वाला प्रदूषण है। इसके बाद सरकार ने डीजल गाड़ियाें के परिचालन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।

कैबिनेट ने 2019 में ही निर्णय लिया कि पटना नगर निगम क्षेत्र के साथ ही दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ में 31 जनवरी 2020 से डीजल वाली गाड़ियों का परिचालन बंद कर दिया जाएगा। लेकिन, इसे 31 मार्च, 2021 तक के लिए डेट बढ़ा दिया गया।

इसके बाद 30 सितंबर की नई तारीख तय की। इसके बाद 31 मार्च 2022 तक की माेहलत दी गई ताकि लाेग अपनी डीजल गाड़ियाें काे सीएनजी में कन्वर्ट करा सकें। परिवहन विभाग अब और माेहलत देने के मूड में नहीं है।

सीएनजी में कन्वर्ट कराने के लिए सरकार दे रही अनुदान

सीएनजी बस खरीदने और ऑटाे में सीएनजी किट लगाने के लिए सरकार अनुदान दे रही है। 16 और 24 सीट वाली बसों के लिए अनुदान मिलेगा। कीमत का 50 फीसदी या अधिकतम 7.50 लाख मिलेंगे। पुराने परमिट पर नई सीएनजी बस चला सकेंगे।

7 लाेगाें की क्षमता वाले डीजल/पेट्रोल चालित तिपहिया वाहन को सीएनजी में कन्वर्ट करने पर 40 हजार एकमुश्त अनुदान मिलेगा। 7 की क्षमता वाले पेट्रोल वाले ऑटाे को सीएनजी किट के रिट्रोफिटमेंट कराने पर 20 हजार का अनुदान मिलेगा।

सात की क्षमता वाले डीजल/पेट्रोल चालित तिपहिया वाहन को नए बैट्री चालित वाहन से प्रतिस्थापित करने पर 25 हजार एकमुश्त अनुदान मिलेगा। व्यावसायिक मोटर कैब/मैक्सी कैब में सीएनजी किट के रिट्रोफिटमेंट कराने पर 20 हजार रुपए मिलेंगे। हालांकि अबतक डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ज्यादातर ऑटो को सीएनजी में नहीं बदला जा सका। इसकी एक वजह कोरोना भी रही।

अप्रैल अंत तक 70 और नई सीएनजी बसें आएंगी

बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने शहर में सिर्फ सीएनजी बस चलाने की प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी है। 70 और नई सीएनजी बसें लाने की प्रक्रिया चल रही है। ये बसें अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक अा जाएंगी। गांधी मैदान से हाजीपुर, राजगीर, बिहटा, नालंदा, गया सहित शहर के विभिन्न रूटों पर सीएनजी बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

वहीं प्राइवेट बस संचालकों द्वारा भी मिनी सीएनजी बसें खरीदी जा रही हैं। 32 सीटर सीएनजी बस की कीमत 20 लाख से अधिक है। इसको लेकर बस संचालक परिवहन विभाग से अनुदान के इंतजार में हैं। अनुदान मिलने के बाद एक साथ करीब 50 प्राइवेट मिनी सीएनजी बसें भी चलने लगेंगी।

सीएनजी बस चलाने से मालिकों काे भी कम फायदा नहीं

डीजल बसाें और ऑटो से अधिक धुआं निकलता है। पुल पर चढ़ते समय और अधिक धुआं देता है। सीएनजी बस की कीमत डीजल बसों से ज्यादा है, लेकिन यह 30 प्रतिशत ज्यादा बचत करेगी। एक लीटर डीजल में बस 5.5 किमी चलती है, वहीं एक किलाे सीएनजी से 7.5 किमी से 8 किमी तक चलेगी।

डीजल बस के मुकाबले सीएनजी बस कार्बन से संबधित गैसों का उत्सर्जन 30-35 प्रतिशत तक कम होता है। डीजल की तुलना में सीएनजी बसें हीट बहुत कम होती हैं। सीएनजी इंजन का मेंटेनेंस भी कम होता है।

  • रवि सिन्हा, आद्री

एक डीजल ऑटो से 8 सीएनजी वाहन के बराबर प्रदूषण

वायु प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए डीजल की जगह सीएनजी ऑटाे चलाने होंगे। एक डीजल ऑटो करीब 7-8 सीएनजी के बराबर प्रदूषण फैलाता है। सीएनजी से वाहनों को चलाया जाए तो कम से कम 13 प्रतिशत तक एयर पॉल्यूशन में कमी लाई जा सकती है। एक किलो सीएनजी से गाड़ी 15 किमी चलती है, जबकि डीजल या पेट्रोल से 10 किमी। इससे पैसे भी बचेंगे। डीजल ऑटो की तुलना में सीएनजी ऑटो में मेंटेनस में कम होता है।

  • डॉ. मनीष कंठ, एएन काॅलेज

​​​​​​​अभी 16 जगह सीएनजी स्टेशन

रूकनपुरा, पटना सिटी, जीरोमाइल, नौबतपुर, सगुना मोड़, बाइपास, कंकड़बाग, दीघा, दीदारगंज, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, बाढ़, फतुहा और गोला रोड।

राजधानी में अभी गाड़ियां

सीएनजी ऑटो : 15 हजार
डीजल ऑटो : 12 हजार
पेट्रोल ऑटो : 8 हजार

सीएनजी बस- 70 इलेक्ट्रिक बस -26 डीजल बस-250

साभार – दैनिक भास्कर

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