“एक व्यक्ति गांजा पीके…” जानिए कैनेबीज (गांजे) के कुछ औषधीय गुणों के बारे में।

गांजा एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन करने से नशा होता है. जबकि सीमित मात्रा में कई दूसरी औषधियों के साथ मिलाकर इसका उपयोग कई बीमारियों को दूर करने में किया जाता है. गांजा के पौधे का सैकड़ों वर्षों से दवा के रूप में उपयोग होता रहा हैं और शोधकर्ता कैनाबीडियोल (सीबीडी) के संभावित लाभों का पता लगाने के लिए रिसर्च कर रहे हैं. कैनाबीडियोल मारिजुआना में पाया जाने वाला एक आयल है, जिसके विभिन्न हेल्थ स्थितियों के इलाज में रोगी के दिमाग पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होते हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार दवा के रूप में कैनाबिस निम्नलिखित स्थितियों में मदद कर सकते हैं –

मतली और उल्टी का इलाज – कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कैनाबीडियोल मतली और उल्टी के इलाज के लिए उपयोगी है, लेकिन इसके प्रतिकूल प्रभाव इसके उपयोग को सीमित कर सकते हैं.

2 – सीबीडी कैंसर रोक सकता है –मारिजुआना में सीबीडी पाया जाता है जो की कैंसर फैलने से रोक सकता है सीबीडी आईडी -1 नामक जीन को निष्क्रिय कर देता है. आईडी -1 जीन वह जगह है जहां कैंसर कोशिका अधिक प्रतियां बना सकती है और रोगी के शरीर में तेजी से फैल सकती है. गांजे में कैनबिनोइड्स कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोक सकते हैं, विशेष रूप से फेफड़ों के कैंसर में .

3 – कोलोरेक्टल कैंसर भी रोके – गांजा के बीज का सेवन कोलोरेक्टल कैंसर से बचाता है . गांजा के बीज प्राकृतिक रूप से उपलब्ध कैंसर से लड़ने वाले खाद्य पदार्थों में से एक हैं. फाइबर सामग्री कार्सिनोजेनिक सेल के खतरे को कम करती है. अनुसंधान ने ऐसे सबूतों को उजागर किया है कि इस बीज से निकाले गए इसके अतिरिक्त, ओमेगा -3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड का संतुलन प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और शरीर में सूजन के स्तर को व्यवस्थित करता है. अध्ययनों ने बताया है कि गांजा बीज की टी सी एच ​​सामग्री ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफॉर्म के विकास को रोक सकती है, जो मस्तिष्क कैंसर का घातक रूप है. अध्ययनों से पता चलता है कि भांग के बीज इस कैंसर के प्रभावों को भी कम कर सकते हैं.

4 – अल्जाइमर रोग को धीमा करे – चिंता, अवसाद, तनाव और अनिद्रा की समस्या कम हो सकती है.टीएचसी अमीलोइड प्लेक को अवरुद्ध करके अल्जाइमर रोग बढ़ने की गति धीमी कर देता है, अल्जाइमर रोगी के मस्तिष्क की कोशिकाओं को मारने के लिए जिम्मेदार रोग है.

5 – गांजा है दर्द निवारक – यह एक अच्छा दर्द निवारक है और आपके शरीर में दर्द होने पर इसका सेवन किया जा सकता है. सीमित मात्रा में इसका सेवन करने से दर्द दूर हो जाता है.

6 – ब्रेन स्ट्रोक से दिमाग की रक्षा – स्ट्रोक से बचने के लिए गांजे का सेवन कर सकते है , एक शोध में सामने आया है की यह ब्रेन स्ट्रोक को उसके कुछ ख़ास हिस्सों में ही रोक देता है.

7 – भूख को बढायें – जिन लोगो को काम भूख लगती है गांजा उनकी बड़ा सकता है , गांजा पीने से आपको भूख बहुत अधिक लगती है और आप खाना खूब खाते है.

8 – मोतियाबिंद से भी दे राहत – गांजा मोतियाबिंद को रोकने और इसके इलाज के लिए किया जाता है. मोतियाबिंद में आंख की पुतली पर दबाव बढ़ने लगता है, ऑप्टिक नर्व्स को नुकसान होता है और दृष्टि को नुकसान होता है. अमेरिका की नेशनल आई इंस्टीट्यूट के अनुसार गांजा ग्लूकोमा के लक्षण दूर करता है. गांजा ऑप्टिक नर्व से दबाव हटाता है.

9 – कार्डियोवैस्कुलर या हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद – गांजा के बीज में ओमेगा -6 फैटी एसिड पाया जाता है जो की हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. डॉक्टर ओमेगा -6 से ओमेगा -3 फैटी एसिड के 3: 1 या 4: 1 के अनुपात की सलाह देते हैं. यह संतुलन मानव शरीर के लिए सामान्य रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक है. भांग के बीज का सेवन दिल के दौरे, स्ट्रोक और एथेरोस्क्लेरोसिस को रोकता है.

10 – करता है अनिद्रा का इलाज – गांजा में उच्च मात्रा में मैग्नीशियम होता है, यह शरीर को शांति और आराम देकर अनिद्रा का प्रभावी ढंग से इलाज करने में सक्षम है . एंजाइम और हार्मोन पर मैग्नीशियम का रिएक्शन नींद को सही करता है.

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