पटना मे कपड़ों पर जबर्दस्‍त ऑफर, लॉकडाउन के डर से आधे दाम पर बेचने लगे हैं दुकानदार

Woolen Sale in Patna: कड़ाके की ठंड ऊलेन बाजार के लिए राहत भरी होती है। इससे कारोबार को बल मिलता है। सामान्य तौर पर इस समय आफर नहीं दिया जाता। इस बार इसका उल्टा हो रहा है। कोरोना बढ़ रहा है। लाकडाउन के आसार पैदा हो रहे हैं। ऐसे में व्यापारी पूंजी निकालने के लिए समय से पहले ही आफरों की बारिश करने लगे हैं। इस बार नवंबर से ही ऊलेन बाजार सज गया था। अनुमानों के मुताबिक अब तक 100 करोड़ रुपये का कारोबार हो चुका है।

लाकडाउन लगा तो बच जाएंगे काफी कपड़े

आगे फरवरी तक 50 करोड़ रुपये का और कारोबार होने की उम्मीद थी। लेकिन कारोबारी कोरोना को देखते हुए जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। उनका मानना है कि अगर लाकडाउन लग गया तो 35 से 40 प्रतिशत ऊलेन कपड़े बच जाएंगे। ऐसे में कारोबारी चाहते हैं कि उनके कपड़े समय रहते निकल जाएं। मुनाफा कम भी हो, लेकिन उनकी पूंजी नहीं फंसे।

खरीदारी का बदलता ट्रेंड, श्‍वेटर नहीं जैकेट पर जोर

जाड़े से राहत के लिए स्वेटर चलन रहा है लेकिन अब युवा वर्ग जैकेट को तरजीह दे रहा है। इनर विअर का भी उपयोग तेजी से बढा है। शाल की जगह कार्डिगन की बिक्री में तेजी देखी जा रही है। कश्मीर से कारोबार करने आए बशीर खान ने कहा कि कश्मीर का नीडल वर्क भी पटना में खूब पसंद किया जा रहा है। कश्मीर से आए मेहराजुद्दीन ने कहा कि पश्मीना शाल के भी यहां बड़े पैमाने पर कद्रदान हैं। एक से डेढ़ लाख रुपये की शाल भी यहां बिकती है।

पटना में घरों से कम निकल रहे लोग

बाजार के जानकारों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में कारोबार में ज्यादा उछाल देखने को मिला क्योंकि धूप नहीं निकली। इस दौरान नी गार्ड, नेक गार्ड जैसे आइटम भी बिके जो सामान्य जाड़े में नहीं बिकते हैं।

साभार दैनिक जागरण

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