एक व्यक्ति गंजा पीकर चिलम दिया लहराई …गाना गाकर फेमस हुई इंदु देवी की कहानी

एक व्यक्ति गांजा पीके चिलम दिया लहराई हो., अगर आप सोशल मीडिया पर एक्टिव है तो ये लाइन आपने अब तक को किसी न किसी तरीके से सुन ही लिया होगा। बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की समाज सुधार अभियान यात्रा के दौरान मुजफ्फरपुर में लोक गायिका इंदु देवी ने जो गीत प्रस्तुत किया वह इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

पूरे देश में इंदु देवी की हो रही चर्चा

इस गीत के वायरल होने के बाद लोक गायिका इंदु देवी की चर्चा बिहार के साथ ही पूरे देशभर में शुरू हो गई है, नशे की लत को गलत बताने के सन्देश से भरा यह गीत लोगों को खूब पसंद भी आ रहा है। ऐसे में आज हम इस गीत को गाने वाली इन्दु देवी के बारे में जाएंगे और उनके अब तक के सफर पर एक नजर डालेंगे।

चिलम दिया लहराई लिरिक्स

इन्दु देवी की कहानी को बताने से पहले आपको एक बार फिर से इस गीत के लिरिक्स से परिचय करा देते है, इस गीत के बोल थे एक गंजेड़ी गांजा पीके चिलम दिया लहराई हो…चिलम दिया लहराई…चिलम में से तितकी उड़ के हो..जर गइल तोसक रजाई, नसबा नरक में ले जाई, जनी पीअह हे भाई़…

जीविका समूह की सदस्य इंदु देवी

इस गीत के माध्यम से पॉपुलर हो रही इंदु देवी बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी के सकरी सरैया की रहने वाली है, इंदु पिछले दो सालों से जीविका समूह से जुड़ी हुई हैं और कई मौकों पर इस तरह के लोकगीतों को प्रस्तुत भी कर चुकी है।

चिलम दिया लहराई 30 साल पुराना गीत

इंदु देवी के पति पति पेशे से दर्जी हैं जो 16 साल से बीमार हैं। घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गयी जिसके बाद वह दूसरों के घरों में चौका बर्तन करने लगी और साथ ही दूसरों के खेतों में मजदूरी कर अपने तीन बच्चों को किसी तरह तालिम दी।

नशा के कारण समय से पहले पिता को खोया

किसी तरह से वह अपने एक बेटी की शादी की है, परिवार में चार लोगों के भरण पोषण की जिम्मेदारी उस पर है। अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत वह परिवार चला रही है। इंदु के पिता शुरू से ही काफी नशा करते थे और इसी वजह से उनके पिता का समय से पहले निधन हो गया, पिता को इस तरह से खोने के बाद वह नशे के खिलाफ हो गयी और आज समाज को नशामुक्ति का सन्देश दे रही है।

inputs:- samastipur live

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