दरभंगा में एक ही तालाब में पैदा बिजली और मछली, बिहारी तकनीक की दीवानी हुई पूरी दुनिया

पटना : बिहार में बिजली उत्पादन और मछली पालन की नायाब तरकीब अपनाई गई है। दरभंगा जिले में एक ही तालाब में बिजली और मछली का उत्पादन होगा। इस बारे में जानने वाले लोग बिहारी प्रतिभा एक बार फिर गुणगान कर रहे हैं। नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने दरभंगा शहर के कादिराबाद मोहल्ले में नाका-1 के पास तालाब में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनवाना शुरू कर दिया है। बिजली विभाग के इस तालाब में सिर्फ 6 लाख रुपए से इस फ्लोटिंग सोलर प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है। इस पावर प्लांट से 1.6 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। बिजली का उत्पादन के बाद आपूर्ति के लिए 11 केवीए का फीडर भी बनाया जा रहा है। इस फीडर से शहर में बिजली सप्लाई होगी। सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन के कारण पर्यावरण में प्रदूषण भी कम होगा।

इस तकनीक से मिथिलांचल में बिजली उत्पादन की अपार संभावनाएं
दरभंगा के कादिराबाद में बन रहा यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट एक शुरुआती योजना है। अगर, यह पूरी तरह कामयाब रहा तो आने वाले दिनों में मिथिलांचल में इसी तकनीक से बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन होगा और उसी से सभी शहर और गांव में बिजली आपूर्ति की जाएगी। विभागीय इंजीनियरों का मानना है कि मिथिलांचल क्षेत्र में इस तकनीक के आधार पर बिजली उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। इसे देखते हुए दरभंगा में यह तकनीक अपनाई जा रही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस क्षेत्र में काफी संख्या में पोखर और तालाब हैं। इनमें मखाने की खेती है। मछली उत्पादन होता है। ऐसे में इन तालाबों में खेती, मछली पालन के साथ ही बिजली उत्पादन की जबरदस्त समन्वयता होगी।

भविष्य में सीमांचल में ही कर सकते हैं तकनीक का इस्तेमाल
बिजली विभाग के इंजीनियरों का कहना है कि फिलहाल दरभंगा की योजना पूरी हो जाए, फिर मिथिलांचल के अन्य क्षेत्रों में इसकी रूपरेखा बनाएंगे। यह भी कहा कि पहले फेज में मिथिलांचल में इस तकनीक से काम किया जाना है। अगले फेज में सीमांचल में इसी आधार पर काम किया जाएगा, क्योंकि सीमांचल में भी काफी संख्या में तालाब, पोखर हैं। वहां भी मखाने की खेती और मछली पालन व्यापक स्तर पर किया जाता है।

साभार – बिहार एक्सप्रेस

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