समस्‍तीपुर में सीएम नीतीश ने कही बड़ी बात, ताड़ी छोड़ नीरा निकालिये बढ़ेगी आमदनी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार अभियान के पांचवें पड़ाव में गुरुवार को समस्तीपुर पहुंचे। पटेल मैदान में जीविका दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ विकास के काम से समाज आगे नहीं बढ़ता है। विकास के लिए समाज सुधार जरूरी है। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ निरंतर अभियान चलाने की जरूरत है। शराबबंदी पर चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि यह सामाजिक जागृति का परिणाम है। लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग गड़बड़ कर रहे हैं।

वैसे लोगों के खिलाफ आप मजबूती से अभियान चलाएं। मुख्यमंत्री ने ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों का आह्वान करते हुए कहा- पेड़ से ताड़ी नहीं, नीरा का उत्पादन करिये। आमदनी भी बढ़ेगी। सतत जीविकोपार्जन योजना से ऐसे सभी परिवार को जोड़ा जाएगा। इस योजना के तहत पहले ऐसे परिवार को हर महीने एक-एक हजार रुपये की राशि दी जाती थी। लेकिन आज मैं यह घोषणा करता हूं कि जो ताड़ी छोड़ नीरा निकालेंगे ऐसे परिवार को सरकार एक लाख रुपये की मदद करेगी। जिससे वह नीरा का उत्पादन बढ़ा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ताड़ी खराब चीज है, लेकिन नीरा स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा है। सूर्योदय के बाद ताड़ से उतारने पर वह ताड़ी हो जाता है जबकि सूर्योदय से पहले उतारने पर वह नीरा हो जात है।

सीएम ने कहा कि जब शराब बंदी लागू हुआ तब नौ जगहों पर यात्रा पर निकले थे। इस बार 12 जगहों पर जाना है। आज पांचवीं जगह है। इस अभियान का नाम समाज सुधार अभियान इसलिए रखा गया है ताकि इसे घर-घर तक पहुंचाएं। 1977 में तबके मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर द्वारा शराबंदी कानून करने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दो-ढ़ाई साल बाद जब वे मुख्यमंत्री नहीं रहे तो बाद में आने वाले लोगों ने इसे समाप्त कर दिया। बावजूद 26 नवंबर 2011 से इसकी शुरूआत की।

जीविका दीदियों के कहने पर ही की थी शुरूआत

मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 जुलाई 2015 को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में महिला विकास निगम और पीडीआईएफडी के ग्राम वार्ता कार्यक्रम में हम बोलकर बैठ गए थे। उसी दौरान जीविका समूह की महिलाएं जोर-जोर से बोलने लगी। मैंने अपने सहयोगियों से पूछा- क्या बोल रही है। कहा- शराबबंदी लागू करने की मांग कर रही है। उसी दिन मैंने कह दिया कि यदि फिर से मुझे काम करने का मौका मिला तो शराबबंदी लागू कर देंगे। चुनाव में सफलता मिली तो तत्काल नवम्बर में बैठक कर शराबबंदी की घोषणा कर दी। शुरू में विभाग की जवाबदेही भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी केके पाठक को दी। बहुत बढिय़ा काम किया।

शराब पीने से किसी की तबियत कैसे ठीक हो सकती

शराब पीने से किसी की तबियत कैसे ठीक हो सकती है। आश्चर्यचकित ढग़ से मुख्यमंत्री ने बताया कि कानून लागू करने के समय कई लोग कहते थे कि जो बीमार हैं उन्हें पीने की इजाजत मिलनी चाहिए। लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। आज भी सब लोग एक रास्ते पर नहीं चलते हैं। 40 से भी ज्यादा लोगों ने शराब पी और उसके चलते मृत्यु हो गई। इसके बाद हमने तय किया कि एक बार और सशक्त अभियान चलाना चाहिए। आज की सभा इसी अभियान का हिस्सा है।

2005 से पहले शाम होते ही लोग घर से नहीं निकलते थे

सीएम ने कहा कि जबसे आपने हमें काम करने का मौका दिया है तबसे हम काम कर रहे हैं। भूलिएगा मत 2005 के नवंबर में हम सत्ता में आए। लेकिन उसके पहले क्या हालत थे। कोई हिम्मत करता था शाम के बाद घर से निकलने की। लेकिन आज तो जब चाहे घर से निकलते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून का राज स्थापित करने के लिए हमने सबकुछ किया। महिलाओं की क्या हालत थी। वे घर से बाहर नहीं निकलती थी। हमारी सोच थी कि जबतक महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलेगी विकास नहीं होगा। हमने ऐसा किया। पंचायत चुनाव के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति के साथ ही अति पिछड़ा और महिलाओं को आरक्षण दिया। बिहार पहला राज्य बना जिसने महिलाओं को पचास फीसद आरक्षण दिया। सभा के दौरान मुख्यमंत्री ने डब्लूएचओ के उस रिपोर्ट के बारे में भी बताया जिसमें शराबबंदी से होने वाले नुकसान की चर्चा है।

इनलोगों ने किया सभा को संबोधित

सभा को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, श्रम मंत्री जीवेश मिश्र, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान, खाद आपूर्ति मंत्री लेसी ङ्क्षसह, विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार के अलावा मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, डीजीपी एसके ङ्क्षसघल, प्रधान सचिव केके पाठक ने भी संबोधित किया।

ये भी रहे मंच पर मौजूद

मंच पर जल संसाधन मंत्री संजय झा, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर, के अलावा विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, ओएसडी गोपाल प्रसाद, अरङ्क्षवद प्रसाद चौधरी आदि मौजूद रहे। स्वागत दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त मनीष कुमार और जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने संयुक्त रूप से किया। धन्यवाद ज्ञापन के सीईओ बालामुरुगन डी ने किया।

इनपुट: दैनिक जागरण

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