पटना: एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को सफल बनाने के लिए समाज सुधार यात्रा के जरिए लोगों को शराब न पीने की नसीहत दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीत के बाद ₹50 में दारू बेचने की बात कर रहे हैं। जी हां, आंध्र प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने यह ऐलान किया है कि यदि उनकी पार्टी आंध्र प्रदेश में सरकार बनाती है तो वह शराब की कीमत को घटाकर ₹50 कर देंगे। सोमवीर राजू ने कहा कि प्रदेश में जो सरकार है वह शराब पर लोगों से ज्यादा टैक्स लेती है और इससे प्रदेश का विकास करती है। यदि भाजपा की सरकार आती है तो प्रदेश में शराब की कीमत ₹50 कर दी जाएगी।
आंध्र प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सोमवीर राजू ने कहा कि आज शराब की क्वार्टर बोतल ₹200 में मिल रही है और वह भी क्वालिटी वाली शराब की बजाय नकली ब्रांड की शराब लोगों को मुहैया कराई जा रही है। आंध्र प्रदेश में यदि भाजपा की सरकार आती है तो प्रदेश के लोगों को केवल ₹50 में अच्छी क्वालिटी की शराब उपलब्ध कराएगी। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति ₹12000 आज शराब पर खर्च कर रहा है, राज्य में एक करोड़ लोग शराब पी रहे हैं लेकिन अगर यह एक करोड़ लोग भारतीय जनता पार्टी को वोट दें दें तो हम सत्ता में आ सकते हैं और सत्ता में आकर शराब की कीमत को ₹50 कर देंगे।
आंध्र प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सोमवीर राजू के बयान के बाद यह सवाल उठ रहा है कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी बिहार में शराबबंदी के पक्ष में है तो वहीं दूसरी ओर आंध्र प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी शराबबंदी के खिलाफ है और लोगों को शराब पीने की नसीहत दे रही है। अब ऐसा कैसे हो सकता है? क्या कोई पार्टी का सिद्धांत इतना कमजोर हो सकता है कि वह चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। भारतीय जनता पार्टी बिहार में शराबबंदी के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ खड़ा है वहीं आंध्र प्रदेश में भाजपा लोगों को शराब पीने के लिए नसीहत देती है।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य भर में शराबबंदी, बाल विवाह और अन्य मुद्दों को लेकर समाज सुधार अभियान के तहत यात्रा कर रहे हैं। ऐसे में एनडीए के प्रमुख घटक दल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा शराब बंदी के पक्ष में दिए गए ऐसे बयान पर कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि इस पर विपक्ष की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की दूरी नीति को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसको लेकर क्या कुछ बयान देते हैं? या सत्ता पर विराजमान रहने के लिए इन सवालो से बच कर आगे निकल जाएंगे।
INPUT – @jantajunctionbihar