ISRO 2022 में गाड़ेगा झंडे, पूरी दुनिया में होगा भारत का दबदबा, यह रहे इसरो के भविष्य के मिशन

Delhi: बीते सालों में भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ने कई कारनामे किये हैं। इसरो पिछली बार चाँद पर उतरते उतरते रह गया था। अब आने वाले साल भारत कई ऐसे अंतरिक्ष मिशनों को करने जा रहा है, जिससे पूरी दुनिया में भारत का नाम और धाक जमेगी। अंतरिक्ष की दुनिया में भारत की धाक अधिक बढ़ जाएगी। भारतीय अंतरिक्ष उद्योग भी साल 2022 का दिल थामे इंतजार कर रहा। 2021 की तुलना में साल 2022 भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों (Indian Space Programs) के लिए एक शानदार रहने वाला है।

आपको यह जानकार बहुत ख़ुशी होगी की साल 2022 में ISRO की शुरुआत ‘गगनयान’ मिशन (Gaganyaan Mission) की तैयारियों के साथ होगी। साल 2022 के अंत तक भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (Indian Space Research Organisation) दो मानवरहित मिशनों को भी शुरू करेगा। इसके अलावा भारत सरकार ने यह भी कहा है कि, अगले कुछ सालों में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी वीनस मिशन (ISRO Venus Mission), सोलर मिशन और स्पेस स्टेशन बनाने (ISRO Space Station) को लेकर मिशन की शुरूआत करने वाली है।

भारत की मोदी सरकार (Modi Government) ने संसद में जानकारी दी थी कि साल 2022 में इसरों अंतरिक्ष कार्यक्रम वीनस मिशन को स्टार्ट करेगा। बता दें की आपदा के चलते भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में थोड़ा लेट हो गया है। अब इस साल भारत कई और मिशन को सुचारु करने वाला है।

अमेरिका की तर्ज पर भारतीय अंतरिक्ष उद्योग में प्राइवेट सेक्टर को भी शामिल करने पर विवहार किया गया है। इसके अलावा इसरो में FDI को भी मंजूरी दी गई है। इससे होगा यह की इसरो के मिशन (ISRO’s Future Mission) के सामने, जो आर्थिक मुश्किलें आ रहीं थीं, वे अब सॉल्व हो जाएँगी। इसकी पूरी संभावना है की इस साल एफडीआई को लेकर भारत सरकार सभी नियमों को पूरा करे देगी।

समाचार एजेंसी IANS के अनुसार, वैश्विक अंतरिक्ष मार्किट लगभग 360 अरब डॉलर का है और साल 2040 तक अंतरिक्ष बाजार के एक ट्रिलियन डॉलर के होने की पूरी संभावना है। ऐसे में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के लिए जिम्मेदारियां और देश की उम्मीदें बढ़ गई है।

अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष बाजार में भारत की हिस्सेदारी हालिया समय में लेवल 2 प्रतिशत है। ऐसे में ग्लोबल स्पेस इंडस्ट्री के लिए भारत की नई एंट्री होने जा रही है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने टेक्नोलॉजी को लेकर जो विस्तार किया है, वो इसे विश्व की सर्वश्रेष्ठ स्पेस एजेसियों में से एक बना देता है।

आपको बता दें की भारत की संसद में भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने हाल ही में जानकारी देते हुए कहा था कि, साल 2022 में गगनयान मिशन से पहले इसरो दो मानवरहित मिशनों को सुचारु करने वाला है और भारत सरकार का योजना को पूरा सपोर्ट है।

आईएएनएस की रिपोर्ट में बताया गया है की इसरो के गगनयान मिशन की लागत 9000 करोड़ रुपये के ऊपर होने वाली है। इसरो के गगनयान मिशन बहुत खास है और इसे अपने रणनीतिक महत्व है। इसरो ने अभी तक सैकड़ों सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च किया है, लेकिन कोई यान इंसानों को लेकर अंतरिक्ष में ना भेज पाया है।

आपको यह जानकर ख़ुशी होगी की गगनयान के माध्यम से 4 अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजने की तैयारी चल रही है। इसके अलावा इन चारों अंतरिक्षयात्रियों को इसके लिए अभी से ही ट्रेनिंग दी जा रही है। गगनयान अगले साल यानि 2022 में लॉन्च होगा।

इसरो ने भी कह दिया है की मिशन गगणयान अपने 4 एस्ट्रोनॉट्स को लेकर 2022 के अंत तक या 2023 की शुरुआत में टेकऑफ (ISRO Says Gaganyaan Mission Will Finally Take Off in 2023) करेगा। इसरो के इस मिशन की सफलता के बाद
भारत भी अमेरिका, चीन, रूस और जापान के क्लब में शामिल हो जाएगा।

मिशन गगनयान के ज़रिये अंतरिक्षयान के माध्यम से 4 एस्ट्रोनॉट्स (Four Indian Space Astronauts) 7 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे। फिर वो वापस धरती पर लौट आएंगे। इस दौरान 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारियों को भारत की तरफ से इसरो एकत्रित करेगा, यह पूरी दुनिया देखेगी। इसकी मदत से भविष्य के मिशन के लिए ISRO दूसरे यानों को तैयार भी कर सकेगा।

साभार – ENN news

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