नयी शिक्षा नीति छात्र विरोधी है, नयी शिक्षा नीति के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाएगी:- AISA

आगामी दिनों में नयी शिक्षा नीति के खिलाफ़ हस्ताक्षर अभियान चलाएगा आइसा- संदीप सौरभ

नयी शिक्षा नीति -शिक्षा के मौलिक अधिकारों से वंचित करने की साज़िश- आइसा

नयी शिक्षा नीति के खिलाफ़ चलेगा हस्ताक्षर अभियान- आइसा

प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए आइसा के राष्ट्रीय महासचिव सह पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने नयी शिक्षा नीति को पुरी तरह से छात्र विरोधी बताया। नयी शिक्षा नीति पर बात रखते हुए संदीप सौरभ ने कहा कि नयी शिक्षा नीति देश के शिक्षा को बर्बाद करने वाला है। नयी शिक्षा नीति के पुरे ड्राफ्ट में अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा, अति पिछड़ा, विकलांग तथा अन्य वंचित तबकों के सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने को आरक्षण का जिक्र नहीं है। इसको लागू करने का तरीका भी अलोकतांत्रिक है। इसे संसद से पारित नहीं किया गया है। यह 200 बिंदु रोस्टर के अनुसार शिक्षकों के सभी रिक्त पदों पर समयबद्ध स्थायी नियुक्ति से इंकार करता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह नीति रिसर्च विरोधी है।सरकार मातृ भाषा को बढ़ावा देनें की बात कह रही है और सरकारी स्कूलों में मातृ भाषा को अनिवार्य कर रही है लेकिन सरकार के पास 10 विं के आगे मातृ भाषा में पढाई का रोड मैप नहीं है। सरकार निज़ी स्कूलों में भी मातृ भाषा में पढ़ाई अनिवार्य करे। जिस तरह से किसान आंदोलन ने तीन कृषि कानूनों के वापसी के लिए अडिग रहा उसी तरह से शिक्षा को निज़ी हाथों में सौपने तथा उसे बचाने के लिए लंबी लडाई लड़नी होगी ।

आइसा राज्य अध्यक्ष विकाश यादव व राज्य सचिव सबीर ने संयुक्त रूप से कहा कि आगामी 50 दिनों तक आइसा नयी शिक्षा नीति को ख़ारिज करने को ले कर हस्ताक्षर अभियान चलाएगा और छात्र नौजवानों के बड़ी गोलबंदी के साथ दिल्ली कूच करेगा।

एक तरफ़ हम मांग कर रहे हैं कि हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज खोला जाए दूसरी तरफ़ सरकार विद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों को बंद करने की तैयारी कर रही है। नयी शिक्षा नीति के नाम पर सरकार विश्वविद्यालयों को अनुदान देना बंद कर रही है और ‘HEFA ‘ के द्वारा लोन देने की बात कह रही है जो रेगुलर कोर्स पांच हजार में हो जाता था वो आगामी दिनों में लाख रुपए में होगा तो भी आश्चर्य की कोई बात नहीं होगी।


सरकार पब्लिक फंडेड यूनिवर्सिटी को पुरी तरह से खत्म करने कर देना चाह रही है और निज़ी विश्वविद्यालयों को, विद्यालयों को परोक्ष रूप से बढ़ावा दे रही है।पुरे के पुरे एक तबके को शिक्षा से वंचित करने का प्लान है।

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