BJP नेता का ऐलान जीतन राम मांझी के जीभ काटने वालों को 11 लाख का इनाम, हम प्रवक्ता बोले किसकी इतनी हिमक्त

ब्राह्मणों के लिए अपशब्द कहने के मामले को लेकर भले ही पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने माफी मांग ली है लेकिन फिलहाल मामला शांत होता नज़र नहीं आ रहा. सोमवार को जीतन राम मांझी के खिलाफ बिहार के कोर्ट और थानों में शिकायत दर्ज की गई. उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई गई. इसी मामले में बिहार बीजेपी के नेता गजेंद्र झा ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने मांझी पर हमला करते हुए कह दिया कि जो भी ब्राह्मण का बेटा मांझी की जुबान काट लाएगा, उसे वह 11 लाख रुपये देंगे.

बीजेपी नेता की तरफ से जीतन राम मांझी की जीभ काटने की बात निकली तो मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने भी पलटवार किया. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि बीजेपी नेताओं के तरफ से लगातार जीतन राम मांझी के लिए अभद्र टिप्पणी की जा रही है. गजेंद्र झा ने जीतन मांझी की जुबान काटने की बात कही है. क्या यह दलितों का अपमान करने की बात नहीं है? दानिश रिजवान ने कहा कि मैं बिहार बीजेपी के आला नेताओं से कहना चाहता हूं कि वह अपने लोगों को समझाएं कि यह सब ठीक नहीं है. ब्राह्मण समुदाय के लिए कथित रूप से अपशब्द कहने पर सोमवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खिलाफ पटना और पूर्णिया में दो प्राथमिकी दर्ज की गईं. पटना में विशाल कुमार सिंह के नेतृत्व में ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने राजीव नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई.

मांझी पर अपशब्दों के इस्तेमाल का आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्यनारायण पूजा के खिलाफ जीतन राम मांझी के बयान का मकसद हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है. इसके अलावा उन्होंने ब्राह्मण समुदाय के लिए अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया. सिंह ने कहा, ‘मांझी का बयान समाज में मतभेद पैदा करता है. ऐसे बयान से जातिवाद को बढ़ावा मिलता है और समाज में उत्तेजना फैलती है. उनके अपमानजनक बयान में दो जातियों के बीच दंगे पैदा करने की क्षमता है.’

मुख्यमंत्री-डीजीपी को लिखा पत्र

उन्होंने कहा, ‘हमने मांझी के अपमानजनक बयान पर संज्ञान लेने और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, बिहार के मुख्यमंत्री और डीजीपी को भी पत्र लिखा है.’ सिंह ने बताया कि सत्यनारायण पूजा (भगवान विष्णु की पूजा) घर में शांति, सद्भाव और समृद्धि लाने के लिए हिंदू समुदाय के बीच एक प्राचीन परंपरा और अनुष्ठान है. पूर्णिया में मिथिला छात्र संघ के एक समूह ने के हाट थाने में पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. उन्होंने कहा कि मांझी ने देशभर के ब्राह्मणों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. सरकार को उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

BJP ने भी जताई नाराजगी

राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने नाराजगी जताई है. रविवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ब्राह्मण समाज के लिए जीतन राम मांझी की कथित टिप्पणी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. संवैधानिक पदों पर रह चुके उनके जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को अपने शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं बोलना चाहिए, जिससे समाज का सद्भाव बिगड़े. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकारों तक में मंत्री रहे स्वर्गीय रामविलास पासवान ने लंबे समय तक दलितों की सेवा की, लेकिन ऊंची जातियों के विरुद्ध उन्होंने कभी अपशब्द नहीं कहा. किसी समुदाय-विशेष का हितैषी होने के लिए दूसरों को आहत करना कोई लोकतांत्रिक आचरण नहीं है.

क्या है मामला?


दरअसल, जीतन राम मांझी ने 19 दिसंबर को पटना में एक जनसभा के दौरान ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. उन्होंने कहा था, ‘जब मैं छोटा था, सत्यनारायण पूजा का प्रचलन हमारे समुदाय (मुसहर) में ज्यादा लोकप्रिय नहीं था. इन दिनों सत्यनारायण पूजा का प्रचलन लगभग हर घर में हो रहा है. इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि ब्राह्मण (पंडित) हमारे घर आते हैं. पूजा करते हैं, लेकिन वे हमारे घरों में खाना नहीं खाते हैं. वे बेशर्मी से हमारे घरों में खाना खाने के बजाय हमसे पैसे (दक्षिणा) मांगते हैं.’ आरोप है कि मांझी ने अपने समुदाय के लोगों और ब्राह्मणों दोनों के लिए भी अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया.

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