पटना मेट्रो के रास्‍ते में आने वाले मकानों को तोड़ेगा जिला प्रशासन, डीएम ने जारी किया निर्देश

पटना के जिलधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने पटना मेट्रो कारपोरेशन के साथ अहम बैठक की, जिसमें उन्होंने मेट्रो निर्माण मे आ रही बाधओ पर चर्चा की और उसे दूर करने की नीति बनाई। इस बैठक मे पटना डीएम ने कहा कि मेट्रो रेल सेवा शहर के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस बैठक मे पटना मेट्रो के रास्ते मे पड़ने वाले अतिक्रमण पर भी चर्चा की गई और इसे हटाने की प्लानिंग की गई।

पटना मेट्रो निर्माण मे कंकड़बाग के मलाही पकड़ी में अतिक्रमण से समस्या आ रही है, जिसे दूर करने को लेकर डीएम ने पटना मेट्रो कारपोरेशन के साथ बैठक कर अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए हैं। जिला नियंत्रण कक्ष के तत्काल प्रभाव से अब अतिक्रमण की बाधा को भी दूर कर लिया जाएगा। इस बैठक मे जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने अन्चल पदाधिकारी से कहा कि जँहा- जँहा भी अवैध निर्माण है, उसे नोटिस जारी करके तोड़ने की करवाई की जाए, इसके साथ ही अस्थाई अतिक्रमण तत्काल हटाने का निर्देश दे दिए गए हैं।

मेट्रो निर्माण के लिए स्थायी और अस्थाई ज़मीन की आवश्यकता है। रैयती भूमि की प्रकृति के अनुसार मूल्य निर्धारण के लिए छह सदस्यीय टीम बनाई गई है, सरकारी भूमि के हस्तांतरण के लिए सम्बंधित विभाग से अनापत्ति लेने की करवाई भी की जा रही है। मेट्रो रेल कारपोरेशन ने बैठक मे ज़मीन की आवश्यक्ताओ को लेकर ब्यौरा प्रस्तुत किया । उनके द्वारा बताया गया कि पटना में खास महाल और विभिन्न सरकारी विभागों की करीब 9.6243 एकड़ स्थाई और 7.1758 एकड़ अस्थाई जमीन की जरुरत है, जबकि मेट्रो डिपो के लिए रानीपुर मौजा में 25.95 एकड़ और पहाड़ी मौजा में 50.695 एकड़ जमीन किसानों से लिए जाने की जरुरत है। इसके साथ ही काॅरिडोर एक में 2.3233 तथा कारिडोर दो में 2.5247 एकड़ रैयती जमीन लिए जाने की आवश्यकता है।

पटना मेट्रो की रुकवातें होगी खत्म

मेट्रो निर्माण मे शीघ्रता लाने के लिए डीएम ने लैंड प्लान तैयार कर शीघ्र सहमति लेकर कार्य आरम्भ करने के निर्देश दिए हैं। इसकी जिम्मेदारी दिल्ली मेट्रो के अभियंता सौरभ कुमार और जिला राजस्व शाखा के प्रभारी पदाधिकारी अनिल कुमार को सौपी गई है। दोनो पदाधिकारियो को अब लैंड प्लान के अनुसार रैयती जमीन के अर्जन और सरकारी भूमि के हस्तांतरण से जुड़े कार्य करना है। बैठक मे डीएम ने सरकारी ज़मीन की अवश्यक्ताओ के बारे मे कहा कि जहां -जहां भी सरकारी ज़मीन की जरुरत है, वहाँ सम्बंधित विभाग से उच्चस्तरीय बैठक करके बातचीत के जरिए नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे।

साभार – जागरण

Leave a Comment