सड़क पर संतरे बेचने वाले को मिला पद्मश्री पुरस्कार, पढ़िए हरेकाला हजब्बा की पूरी कहानी

दोस्तों आज हम एक ऐसे भक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जो कभी सड़कों पर संतरे बेचा करते थे लेकिन उनकी जिद ने उन्हें आज देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पदम श्री पुरस्कार तक पहुंचा दिया।

दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के 64 साल के हरेकाला हजब्बा के बारे में जो कभी सड़कों पर संतरे बेचा करते थे लेकिन 1 दिन की बात है उनके यहां एक अंग्रेज उनसे संतरे का दाम पूछा था उन्होंने उसे अंग्रेजी में नहीं बता पाए। जिसके बाद उन्हें बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई और उन्होंने तय किया कि अपने गांव में किसी भी बच्चे को शिक्षा की कमी नहीं होने देंगे।

जिसके बाद उन्होंने गांव में स्कूल खोलने का सोचा और ताकि गांव के सभी बच्चे पढ़ सके। जिसके लिए उन्होंने 2000 ईसवी में अपने संतरा बेचकर जो कमाया उससे स्कूल बनाया और उनका अब सपना है की गांव में एक प्री यूनिवर्सिटी बनवाने का।

Harekala Hajbba

राष्ट्रपति भवन में सोमवार को आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कनाडा के रहने वाले हैं हरेकाला हजब्बा को उनके कार्यों के लिए देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पदम श्री से सम्मानित किया।

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