कोसी में प्रलय : 30 गांवों में बाढ़, कई घर नदी में विलीन, सैकड़ों लोग बेघर, देखिए तबाही का मंजर

कोसी एवं भूतही बलान नदी की बाढ़ से एक बार फिर मधेपुर प्रखंड की 50 हजार की आबादी घिर चुकी है। सैकड़ों हेक्टेयर में लगी धान की फसल बर्बाद हो चुकी है। कोसी दियारा क्षेत्र के गांवों का सड़क संपर्क भंग हो चुका है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में यातायात का साधन एकमात्र नाव ही है और सरकारी नावों की घोर कमी है। कोसी तटबंध के अंदर स्थित दर्जनों गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। विस्थापित परिवार गांव में ही ऊंची जगहों आश्रय लिए हुए हैं। किसी तरह की सरकारी सहायता नहीं पहुंचाई जा सकी है।

कोसी नदी में 47 वर्ष बाद अक्टूबर महीने में साल का सर्वाधिक डिस्चार्ज 2 लाख 69 हजार 150 क्यूसेक पानी बीरपुर कोसी बराज से बुधवार सुबह आठ बजे छोड़ा गया था। हालांकि गुरुवार सुबह आठ बजे कोसी नदी का डिस्चार्ज एक लाख 26 हजार 840 क्यूसेक था। बावजूद मधेपुर क्षेत्र में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। हर वर्ष बाढ़ अवधि में कोसी पुस्तक में दर्ज किए जाने वाली आंकड़ों के अनुसार 5 अक्टूबर 1968 को 7.68 लाख क्यूसेक तथा 13 अक्टूबर 1973 को 4.01 लाख क्यूसेक पानी वीरपुर बराज से कोसी नदी में छोड़ा गया था। सीओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कोसी नदी की बाढ़ से अधिकतर लोगों का घर सुरक्षित है। अगले 24 घंटे बाद बाढ़ की स्थिति सामान्य हो जाएगी।

30 गांवों में बाढ़, कई घर नदी में विलीन, सैकड़ों लोग बेघर

पूर्णिया | लगातार बारिश से अमौर प्रखंड के 20 और बैसा के 10 से ज्यादा गांव में बाढ़ के हालात बन गए हैं। बीते तीन दिनों में जिले में हुई 165 एमएम बारिश के बाद कनकई नदी के बढ़े जलस्तर से सबसे ज्यादा प्रभाव अमौर के नगरा टोला सिमलबाड़ी में पड़ा है। यहां के पांच घर नदी में विलीन हो चुके हैं। 100 से ज्यादा परिवारों ने पठान टोली स्थित ऊंचे पुल पर शरण ली है। लोग घर का सामान बचाने के लिए ऊंचे स्थानों पर जा रहे हैं। सीओ शहुदुल हक ने कहा कि सरकारी तरफ से कोई भी सुविधा 48 घंटे बाद ही दी जाएगी। दोनों प्रखंडों में लगभग 350 लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा है।

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