Bihar Politics: लोजपा में हुई दो फाड़ के बाद चिराग पासवान अकेले पड़ गए हैं। न तो उन्हें पीएम मोदी का साथ मिला और न ही केंद्रीय मंत्रालय में जगह। दूसरी तरफ चाचा पशुपति पारस के खिलाफ दर्ज की गई उनकी याचिका भी खारिज कर दी गई। शुक्रवार को खगड़िया के शहरबन्नी गांव पहुंचे चिराग पासवान अपनी बड़ी मम्मी को देखकर भावुक हो उठे और उनसे लिपटकर रोने लगे। चिराग ने भावुकता से ही कहा कि चाचा ने मेरा साथ गलत किया है।
मां ने भी सांत्वना देते हुए चिराग का हाथ थाम लिया और कहा कि सब ठीक हो जाएगा। तुम अकेले नहीं हो हम सब है न तुम्हारे साथ। ये तो मां-बेटे की बात हो गई। इसके इतर जो नया राजनीतिक समीकरण बुनने की हवा बिहार की राजनीति में तेजी से चल रही है, उसकी बानगी यहां भी देखने को मिली। दरअसल, चिराग जब मां से मिले उसके बाद उन्होंने पिता के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजली दी। इस दरम्यान वहां आरजेडी विधायक रामवृक्ष सदा, आरजेडी जिलाध्यक्ष कुमार रंजन ‘पप्पू’ भी मौजूद थे।
बंद कमरे में हुई बात
वहीं, राजद के अलौली विधायक रामवृक्ष सदा, राजद जिलाध्यक्ष कुमार रंजन ‘पप्पू,’ ने चिराग से बंद कमरे में बात की। इस अवसर पर चिराग के संग सिर्फ लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ही मौजूद रहे। राजद विधायक ने चिराग से कहा कि आपसे आग्रह है, तेजस्वी के संग कंधे से कंधे मिलाकर चलिए। इस पर चिराग ने कहा कि आगे देखिए क्या होता है। इसकी पुष्टि अलौली विधायक ने दैनिक जागरण से की है। हालांकि, राजद विधायक का यह भी कहना हुआ कि चिराग अलौली के बेटे हैं। मेरे विधान सभा क्षेत्र के वोटर भी हैं। इसलिए उनके स्वागत में आया हूं।
बहरहाल, जो कुछ हो बिहार की राजनीति कब किस दिशा में मोड़ ले ले, ये कोई नहीं जानता। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि आने वाले समय में दोनों एक साथ दिखाई दे सकते हैं। इसके पीछे कारण वे दोनों की एक स्वर बयानबाजी मानते हैं। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि वर्तमान सरकार चल नहीं पाएगी, ठीक उसी तरह चिराग भी बयानबाजी कर रहे हैं।