बिहार बोर्ड की कम्पार्टमेंटल परीक्षा के रिजल्ट घोषित होने के बाद अब इंटर में बिहार बोर्ड का पासिंग परसेंटेज 78.26 से बढ़कर 85.53% हो गया है। बिहार बोर्ड ने कोरोना के कारण इंटर और मैट्रिक की कंपार्टमेंटल परीक्षा स्थगित कर दी थी। 19 जून को दो विषयों में फेल परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा लिए ग्रेस अंक देकर पास कर दिया गया। बिहार बोर्ड के अनुसार इंटर में कुल 97,474 परीक्षार्थियों को ग्रेस अंक देकर पास किया गया है। इसी तरह मैट्रिक में भी पासिंग परसेंटेंज बढ़कर 85.50 हो गया है। बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट जारी होने के बाद पासिंग प्रतिशत 78.17% था।
ऐसे बदला पासिंग परसेंटेंज
बिहार बोर्ड के मुताबिक वार्षिक परीक्षा 2021 के पूर्व में घोषित इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजे में 13,40,267 परीक्षार्थियों में से 10,48,846 यानि 78.26 प्रतिशत उत्तीर्ण हुए थे। एक या दो विषयों में अनुत्तीर्ण छात्रों को अतिरिक्त ग्रेस अंक दिए जाने के इस निर्णय से अब कुल 97,474 विद्यार्थी (कला संकाय में 53,939, वाणिज्य संकाय में 1,814, विज्ञान संकाय में 41,691 तथा वोकेशनल में 30 ) भी उत्तीर्ण हुए हैं। इस प्रकार अब कुल उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या 11,46,320 होती है, जो सम्मिलित होने वाले विद्यार्थियों का 85.53 प्रतिशत हो जाता है।
मैट्रिक में भी बदला पॉसिंग परसेंटेज
बिहार बोर्ड का कहना है कि अतिरिक्त ग्रेस अंक दिए जाने के परिणामस्वरूप मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2021 में एक या दो विषयों में अनुत्तीर्ण छात्रों में से कुल 1,21,316 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। पूर्व में मैट्रिक वार्षिक परीक्षाफल, 2021 में सम्मिलित 16,54,171 विद्यार्थियों में से 12,93,054 यानि कुल 78.17 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए थे। इस प्रकार अब इस परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की कुल संख्या 14,14,370 हो गई है, जो 85.50 प्रतिशत होता है।
शिक्षा मंत्री ने कहा बड़ी चुनौती थी सामने
शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने का कहना है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटरमीडिएट और मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा 2021 संपन्न कराकर परीक्षाफल प्रकाशित कर दिया। विगत वर्षों की तरह इस वर्ष भी एक या दो विषयों में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए अब कम्पार्टमेंटल परीक्षा का आयोजन होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न विषम परिस्थिति के चलते अगले दो से तीन माह में भी कम्पार्टमेंटल परीक्षा कराना संभव नहीं लग रहा है। यह बड़ी चुनौती के रूप में हमारे सामने थी।
अतिरिक्त ग्रेस देकर उत्तीर्ण होंगे छात्र
अगर दो-तीन माह बाद कम्पार्टमेंटल परीक्षा का आयोजन किया भी जाता है तो परीक्षाफल का प्रकाशन अक्टूबर से नवंबर माह के पहले संभव नहीं हो पाएगा। इसके परिणाम स्वरूप विद्यार्थियों को इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने का लाभ भी नहीं मिल पाएगा और कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने की पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों के भविष्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना थी। इस परिस्थिति में छात्रहित के मद्देनजर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक परीक्षा 2021 में एक या दो विषयों में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को अपवादस्वरूप कुछ अतिरिक्त ग्रेस अंक देकर उत्तीर्ण करने की समिति के प्रस्ताव से शिक्षा विभाग ने सहमति प्रदान की।
वेबसाइट पर है रिजल्ट
शिक्षा विभाग ने घोषणा की है कि इस निर्णय के तहत अतिरिक्त ग्रेस से उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों का परीक्षाफल तैयार कर लिया गया है, जो समिति की वेबसाइट http://results.biharboardonline.com पर उपलब्ध है, जिसपर विद्यार्थी अपना रिजल्ट देख सकेंगे। शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्रों के हित में लिए गए राज्य सरकार के इस निर्णय से हजारों विद्यार्थी लाभान्वित होंगे तथा कोरोना महामारी से उत्पन्न विकट स्थिति के बावजूद उनका एक वर्ष खराब नहीं होगा।
बिहार बोर्ड ने बनाया देश में रिकॉर्ड
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ही पूरे देश का एकमात्र बोर्ड है, जिसने इन्टरमीडिएट एवं मैट्रिक वार्षिक परीक्षा का ससमय आयोजन किया तथा उसका ससमय परिणाम जारी किया। आज CBSE, ICSE एवं अन्य राज्यों के परीक्षा बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं किए जाने के कारण मूल्यांकन के अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। पिछले वर्षों में भी समिति द्वारा ससमय इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक के परीक्षाओं का आयोजन कर नतीजे भी देश में सबसे पहले प्रकाशित किया है, जो सराहनीय है।