पटना: चिराग पासवान को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पटना में चिराग के समर्थकों ने चाचा पशुपति कुमार पारस के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया और साथ ही उनके पोस्टर पर कालिख पोती। इतना ही नहीं चिराग पासवान के समर्थकों ने पशुपति पारस के नेम प्लेट पर भी कालिख पोता और जमकर विरोध में नारेबाजी की। इसके बाद LJP के पार्टी कार्यालय में पशुपति पारस समेत सभी 5 सांसदों और नीतीश कुमार की तस्वीरें भी जलाईं गई।
प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि चिराग पासवान ही हमारे नेता हैं। लोजपा इनकी पार्टी है और इनकी ही रहेगी। हम किसी पशुपति पारस को नहीं जानते हैं और हमलोग किसी को भी यहां नहीं आने देगे। चिराग के समर्थन में उतरे कार्यकर्ताओ में भीम आर्मी के अमर आजाद ने कहा कि “हम चिराग पासवान के साथ हैं। उनके सिवा किसी को नहीं जानते हैं। हम उनके लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।”
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आगे अमर आजाद ने सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, “लोजपा में टूट के लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार है, उन्होंने पहले दलितों को तोड़ा और अब उनकी पार्टी को तोड़ रहे हैं। अमर आजाद ने कहा कि हम पशुपति पारस और किसी को भी लोजपा ऑफिस में घुसने नहीं देगे इसके लिए जो भी करना होगा हम करेंगे। चिराग समर्थित कार्यकर्ताओं के हंगामे को देखते हुए भारी पुलिस बल को भी कार्यालय में तैनात किया गया है।
वहीं, चिराग पासवान को हटाने के बाद सूरजभान सिंह को लोजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का प्रभार भी दिया है।
तो वहीं उसके बाद चिराग पासवान ने भी पांचों सांसदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाते हुए निष्कासित कर दिया है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके मुताबिक, पशुपति पारस, प्रिंस राज, वीणा देवी, महबूब अली कैसर और चंदन सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोपी पाया गया। ऐसे में इन सभी को पार्टी की सक्रिय सदस्यता से निलंबित कर दिया गया। इस फैसले के बाद पांचों सांसद पार्टी में किसी भी तरह के फैसले लेने के अधिकारी नहीं होंगे।