दीपक कुमार ने BPSC परीक्षा में 10वीं रैंक लाकर समस्तीपुर जिले का नाम किया रोशन

बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) की ओर से आयोजित होने वाली संयुक्‍त प्रतियोगिता परीक्षा राज्‍य में नौकरियों के लिए होने वाली सबसे उच्‍च स्‍तर की परीक्षा है। इसमें सफल होने वाले प्रतिभागियों की सक्‍सेस स्‍टोरी नौकरी की चाहत रखने वाला हर युवा जानना चाहता है। बीपीएससी 64वीं संयुक्त परीक्षा का रिजल्‍ट अब से थोड़ी देर पहले जारी किया गया है, जिसमें ओम प्रकाश गुप्ता टापर बने, जबकि सुपौल निवासी यूपीएससी सफल विद्या सागर को दूसरा स्थान मिला।

समस्तीपुर का दीपक 10 वें स्थान पर

समस्तीपुर के विक्रमपुर बांदे के रहने वाले दीपक कुमार (275354) ने बीपीएससी की परीक्षा में 10वीं रैंक लाकर जिले का नाम रोशन किया है। दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। दीपक 2016 से दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी में जुटे थे। सफलता का श्रेय सेल्फ स्टडी, माता-पिता और भाई को देते हैं। दीपक के बड़े भाई रेलवे में गार्ड हैं जबकि पिता रेलवे से सेवानिवृत कर्मचारी हैं। वे बताते हैं परीक्षा में सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता। गुरु का मार्गदर्शन और सेल्फ स्टडी सफलता दिलाती है। उन्होंने कहा कि बीपीएससी में मेन्स पेपर पर ध्यान देने की जरूरत है।

पिता चलाते थे स्कूल का ऑटो, बेटा बनेगा अधिकारी

राजधानी पटना के कंकड़बाग में अशोक नगर निवासी अजीत की सफलता की कहानी काफी अलग है। वह मध्यम परिवार से है। उनके पिता वीरेंद्र प्रसाद डीएवी ट्रांसपोर्ट नगर के लिए ऑटो चलाते थे। हमेशा पापा को परेशानी में देखा। बचपन से ही अधिकारी बनने का लक्ष्य रखा। पढ़ाई जारी रखी। दुबई में आयल एंड गैस कंस्ट्रशन कंपनी में 2012 में नौकरी करने लगे तब पिता ने ऑटो चलाना छोड़ दिया। 2017 तक दुबई में रहे। लौटकर तैयारी कर रहे हैं। हर दिन आठ-10 घंटे पढ़ाई से छठी रैंक मिली।

दरभंगा निवासी अनुराग आनंद को मिला तीसरा स्थान

दरभंगा के लक्ष्मी सागर निवासी अनुराग आनंद को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। अनुराग ने बताया कि2016 में आइआइटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग कर सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं। यूपीएससी मेंस भी पास किया है। बीपीएससी में पहली बार में ही सफल हुए हैं। पिता विजय कुमार झा एसबीआइ में पीओ हैं, जबकि मां इंदु झा गृहिणी हैं। पढ़ाई में कभी भी समय का ख्याल नहीं रखा। एक बार पढऩे के लिए बैठा तो घंटों पढ़ता रहा।

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