14 दिनों की न्यायिक हिरासत में वीरपुर जेल भेजे गए पप्पू यादव, कहा – निजी मेडिकल माफिया और कई मंत्री के दबाव में की गई कार्रवाई

पूर्व सांसद सह जाप प्रमुख पप्पू यादव को मधेपुरा कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की. उन्होंने पूर्व सांसद को न्यायिक हिरासत में वीरपुर जेल भेजने के लिए कहा. अब प्रशासन उन्हें वीरपुर जेल भेजने की तैयारी कर रहा है.

पप्पू यादव को ले जाते समय पुलिस की बनी मुसीबत

इससे पहले गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम पप्पू यादव को पटना से लेकर मधेपुरा के लिए निकली थी, लेकिन हाजीपुर में नेशनल हाईवे पर पप्पू यादव को ले जा रही पुलिस काफिले को समर्थकों ने बैरिकेटिंग लगा रोकने की कोशिश की. पुलिस की गाड़ियों के आगे समर्थक लेटते दिखे तो कई समर्थक पुलिस की गाड़ी के ऊपर चढ़ गए. काफी मशक्कत के बाद पुलिस टीम पप्पू यादव को लेकर आगे निकल पाई.इस दौरान पप्पू यादव ने कहा कि उनके ऊपर कार्रवाई बिहार के कई निजी मेडिकल माफिया और कई मंत्री के दबाव में की गई है.

32 साल पुराना मामले में पप्पू यादव को भेजा जा रहा है जेल

उन्होंने कहा कि जब कोई मामला नहीं मिला तो 32 साल पुराना मामले में मुझे साजिश के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है,जबकि कोरोना काल मे गिरफ्तारी का कोई प्रवधान नहीं है. हाईकोर्ट में मामला लंबित है. मेरे साथ जानबूझकर ऐसा किया गया है.बता दें कि मधेपुरा के मुरलीगंज थाना के कांड संख्या 9/89 के तहत मिडिल चौक निवासी शैलेंद्र यादव ने उन पर अपहरण का मुकदमा दायर किया था. इस मामले में पप्पू फरार हैं. उन्होंने अब तक बेल नहीं ली थी.

संपत्ति की कुर्की का भी आ चुका है आदेश

पप्पू यादव के खिलाफ 1989 में 364 आईपीसी धारा के तहत एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. ये अपहरण का मामला अभी तक लंबित है. ऐसे में 22 मार्च 2021 को कोर्ट ने उनकी संपति की कुर्की का आदेश दे दिया था.

इससे पहले पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव (Pappu Yadav) को मंगलवार सुबह पटना में मंदिरी स्थित उनके आवास से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक उन पर बगैर अनुमति के घूमने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है.

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