बिहार पंचायत चुनाव पर बड़ी खबर: 9 चरणों में नहीं, अब 3 से 4 फेज में हो सकते हैं इलेक्शन! जानें डीटेल

पटना:- बिहार में 15 जून के पहले तक पंचायत प्रतिनिधियों का चुनाव संपन्न कराए जाने आवश्यक हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो पंचायतों के कामकाज के सुचारू ढंग से संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में 2006 में बने पंचायती राज एक्ट में संशोधन करना होगा. इसके लिए पंचायती राज एक्ट 2006 में संशोधन के लिए अध्यादेश ला सकती है. इसके तहत तब राज्य सरकार प्रखंड के प्रशासनिक अधिकारियों के अधीन पंचायत करवाने का फैसला कर सकती है.

बता दें कि 15 साल पहले भी ऐसी ही स्थिति में नीतीश सरकार इस तरह का कदम उठा चुकी है. हालांकि इस बार बिहार सरकार भी ऐसा नहीं चाहती है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग के पास पंचायत चुनाव कराने के लिए अब महज 2 महीने का वक्त ही बचा है. जाहिर है इतने कम समय में चुनाव कराना संभव नहीं हो पाएगा. हालांकि चुनाव आयोग इसके लिए मंथन कर रहा है.

वैकल्पिक व्यवस्था नहीं चाहती सरकार

मिली जानकारी के अनुसार 15 जून से पहले पंचायत चुनाव की सारी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए चुनाव आयोग पहले से निर्धारित 9 चरणों में चुनाव की अवधि को कम कर सकता है. ईवीएम के मॉडल मुद्दे पर केंद्रीय निर्वाचन आयोग से सहमति बन जाने के बाद अब आयोग का प्रयास है कि किसी भी तरीके से 15 जून के लगभग पंचायत चुनाव संपन्न करा लिए जाए. इस बात की संभावना जताई जा रही है पंचायत चुनाव को तीन से चार चरणों में संपन्न कराया जा सकता है. ऐसा करने के पीछे वैकल्पिक व्यवस्था की जरूरत नहीं आने देने की सोच है.

15 जून तक चुनाव प्रक्रिया पूरी होने का भरोसा

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी की मानें तो 15 जून तक अगर चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो अन्य विकल्पों की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी. दरअसल अधिसूचना जारी होने के बाद निर्वाचित संस्थाओं के पास किसी तरह का कोई अधिकार नहीं रहता है. ऐसे में अब राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग के बीच ईवीएम के मुद्दे पर सहमति होने के साथ ही सुरक्षित पंचायत चुनाव संपन्न कराने को लेकर विचार-विमर्श का दौर जारी है.

ईवीएम विवाद सुलझा तो खुला रास्ता

राज्य निर्वाचन आयोग के स्तर पर फिलहाल सिंगल पोस्ट ईवीएम का बड़े पैमाने पर आकलन किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त ईवीएम की व्यवस्था करने की भी तैयारी की जा रही है. बिहार में 17 पदों के लिए चुनाव संपन्न होना है. दोनों आयोग की बैठक के बाद यह तो तय है कि चुनाव में मल्टी पोस्ट ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होगा.

अब ईवीएम उपलब्धता पर माथापच्ची

गौरतलब है कि ढाई लाख से अधिक पदों पर चुनाव के लिए सात से आठ लाख सिंगल पोस्ट कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट की आवश्यकता महसूस की जा रही है. हर बूथ पर अलग-अलग 6 पदों के लिए कंट्रोल यूनिट और बैलट बॉक्स चाहिए. मिली जानकारी के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग से अधिकतम ढाई से तीन लाख ईवीएम उपलब्ध कराया जा सकेगा. ऐसी स्थिति में तीन से चार चरणों में चुनाव कराने की तैयारी हो सकती है.

Input:- News 18

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