शराब तस्करी में पकड़े गए वाहन अब थानों में खड़े खड़े नहीं सड़ेंगी, सरकारी अफसर और कर्मचारी उसी से घूमेंगे

बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी है लेकिन इसके बावजूद भी शराब तस्करी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. बिहार पुलिस की ओर से इस कानून को सख्ती से लागू करने का काफी दबाव है लेकिन इसके बावजूद भी कई जगहों पर बिहार पुलिस की स्ट्रेटेजी फेल साबित हो रही है. क्योंकि कई पुलिसवाले भी दारु के शौक़ीन हैं, जिन्हें पिछले दिनों नशे की हालत में गिरफ्तार भी किया गया है. लेकिन ताजा मामला ये है कि शराब तस्करी में पकड़े गए वाहन अब थाने में बेकार नहीं पड़े रहेंगे. गाड़ियां थाने में सड़ेंगी नहीं बल्कि अब उनका उपयोग सरकारी कामकाज में किया जायेगा.

पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने शराब तस्करी में पकड़ी गई गाड़ियों का उपयोग सरकारी कामों में करने का आदेश दिया है. यानी कि जब्त वाहनों को अब सरकारी कार्यालय के उपयोग में लाया जायेगा. शुक्रवार को जिलाधाकरी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में शराबबंदी की समीक्षा की गई. इस मीटिंग में डीएम ने कहा कि राजसात वाहनों का उपयोग थाना, सरकारी कार्यालयों में किया जाएगा. साथ ही राजसात वाहनों का उपयोग विद्यालय, थाना और सरकारी कार्यों के लिए भी किया जाएगा.

इस समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि पटना जिले में कुल 3326 वाहनों को जब्त किया गया था और इनमे से 1037 वाहनों को राजसात कर दिया गया है. बता दें कि अवैध शराब कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान पुलिस द्वारा 2677, उत्पाद विभाग द्वारा 629 और आर्थिक अपराध इकाई द्वारा 14 वाहनों को जब्त किया गया था . जिलाधिकारी पटना ने बताया कि राजधानी पटना में शराबबंदी अभियान के तहत छापेमारी कर अवैध शराब का धंधा करने वालों के शराब कारोबारियों के पास वाहन और भवनों को ही जब्त किए जाने की प्रक्रिया जारी है.

वही पटना बाईपास के पास से जब्त गोदाम में खुले बाईपास थाने का आधुनिकीकरण होगा. उसे मॉडल थाने के रूप में बनाया जाएगा. डीएम ने अवैध शराब कारोबारियों के विरुद्ध छापेमारी का अभियान भी तेज करने का निर्देश दिया है.

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