मिलिए बिहार की ‘मशरूम लेडी’ से, पलंग के नीचे खेती करके कमा रही हैं आज लाखों रुपया

आजकल महिला हर क्षेत्र में किसी से कम नहीं है हर क्षेत्र में वह अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देती हैं. वहीं कृषि क्षेत्र में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाली बिहार के मुंगेर की बीना देवी भी हैं जिन्होंने अपने पलंग के नीचे ही मशरूम की खेती कर की और आज पूरे देश में प्रसिद्ध हासिल की. दरअसल ‘मशरूम लेडी’ के नाम से प्रसिद्ध हुई बीना देवी सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जिनकी तारीफ हमारे देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सीएम नीतीश कुमार ने की है. लोगों ने महिला होने के नाते ताने भी दिए लेकिन वह अपने लक्ष्य पर डटी रही.

दिलचस्प बात यह है कि बीना देवी के पास मशरूम की खेती के लिए ना ही कोई ज़मीन थी, ना ही खेत था और ना ही कोई ऐसी जगह जिसका वह प्रयोग करती. तब बीना देवी ने दिमाग़ लगाकर वह जिस पलंग पर सोती थी उस पलंग के नीचे ही मशरूम 1 किलो बीज मंगा कर इसकी खेती करना शुरू की क्योंकि वही एक मात्र जगह उनके घर में उपलब्ध थी. बीना की कहानी को हमारे देश के पीएम ने ख़ुद अपने ट्विटर हैंडल के जरिए शेयर किया था, जिससे बाद पूरे देश को उनकी कहानी का मालूम चल सका.

जहां चाह वहां राह… इच्छाशक्ति से सब कुछ हासिल किया जा सकता है।

मेरी वास्तविक पहचान पलंग के नीचे एक किलो मशरूम की खेती से शुरू हुई थी।

लेकिन इस खेती ने मुझे न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाकर एक नया जीवन दिया।

आपको बता दें कि मशरूम की खेती करने के लिए सबसे पहले बीना देवी ने अपने पलंग के चारों ओर से साड़ी लगा दी. उनका यह तरीक़ा जब लोगों के सामने आया तो तुरंत कृषि विश्वविद्यालय का समूह उनके घर तक पहुँचा और उनके इनोवेशन की फोटो और वीडियो बाहर की दुनिया में वायरल होने लगी जिसे विश्वविद्यालय में प्रदर्शित भी किया गया. इसके लिए इन्हें 2014 में मुख्यमंत्री से सम्मान मिला. बाद में उन्हें 2018 में महिला किसान अवार्ड से नवाजा गया और उसके बाद 2019 में उन्होंने किसान अभिनव पुरस्कार भी मिला.

राष्ट्रपति के द्वारा मिला पुरुस्कार

बता दें उन्होंने इसी साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी 8 मार्च को देश के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा. बीना देवी ने अपने वीडियो के जरिए लोगों के साथ मशरूम की खेती के तरीके को शेयर किया और उन्होंने बताया कि कैसे मशरूम की खेती से वह एक आत्मनिर्भर महिला के रूप में उभरी. बीना देवी के कार्य कुशलता को देख उन्हें टेटिया बंबर ब्लॉक के दौड़ी पंचायत का सरपंच भी बनाया दिया, जहाँ उन्होंने 5 सालों तक अपना योगदान दिया. खेती से पहले बीना देवी अपने चार बच्चों को लेकर परेशान थी कि कैसे उन्हें अच्छी शिक्षा दे. लेकिन अब वह आर्थिक रूप से इतनी मज़बूत हुई. कि वह अपने बड़े बेटे को अब इंजीनियरिंग करवा रही हैं.

Input:- Naman Bharat

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