किसी शहर के एक दो या 10 लोग बदनाम हो सकते हैं पर पूरा का पूरा शहर कैसे बदनाम हो गया। तो आईए आपको बताते हैं। बिहार की अघोषित राजधानी मुजफ्फरपुर का चतर्भुज स्थान इलाका जिस्मफरोशी के धंधे को लेकर पूरे बिहार में बदमनाम है। यहां राज्य का सबसे बड़ा जिस्म का बाजार लगाता है। यहां सभी सेक्स वर्करों को नाचने-गाने की सरकार से मान्यता प्राप्त है। लेकिन नाचने गाने की आड़ में ये लोग देह व्यापार भी करते हैं।
मुजफ्फरपुर के चतर्भुज स्थान का इतिहास सदियों पुराना है। यूं कहें कि यह चतुर्भुज स्थान मुगलकालीन जमाने से ही यहां पर स्थित है। भारत नेपाल सीमा से सटे इस स्थान का नाम वहां स्थित चतुर्भुज मंदिर के नाम पर रखा गया
पुराने जमाने में यहां काम करने वाली महिलाओं को शिवदासी भी कहा जाता था। चतुर्भुज स्थान में देह व्यापार कर अपनी जीवन यापन करने वाली ऐसी हजारों महिलाएं हैं। जिनकी कमाई 10 रुपय से लेकर 1 हजार तक रोजाना होती है। यहां बसे परिवारों का पारंपरिक पेशा देह व्यापार ही है।
बदनाम मोहल्ले के बच्चों को भी है कुछ करने की आशा
चतर्भुज स्थान गली में रहने वाले बच्चों को भी पढ़ लिख कर कुछ करने की उम्मीद है। 10 वर्षीय बच्ची रेश्मा (नाम बदला हुआ) जो चौथी कक्षा में पढ़ती है, उसका कहना है कि वो पढ़-लिख कर टीचर बनना चाहती है, लेकिन उसके मां-बाप के द्वारा जबरन उसे इस दलदल की धंधों में धकेलने की कोशिश की जा रही है।
पुराने जमाने में यहां काम करने वाली महिलाओं को शिवदासी भी कहा जाता था। चतुर्भुज स्थान में देह व्यापार कर अपनी जीवन यापन करने वाली ऐसी हजारों महिलाएं हैं। जिनकी कमाई 10 रुपय से लेकर 1 हजार तक रोजाना होती है। यहां बसे परिवारों का पारंपरिक पेशा देह व्यापार ही है।