ARARIA : कोरोना को लेकर बिहार में सरकार का एक और कारनामा सामने आया है. अररिया के फारबिसगंज में एक युवक को बगैर जांच के ही पहले कोरोना पॉजिटिव करार दिया गया. फिर उसे आइसोलेशन सेंटर में भी भर्ती करा दिया गया. युवक चीख-चीख कर कह रहा है कि मेरी जांच नहीं हुई है. पहले जांच को कराइये फिर भर्ती करिये. लेकिन सरकारी अधिकारी कह रहे हैं कि वो झूठ बोल रहा है.
स्वास्थ्य विभाग के रवैये से हैरान है युवक
फारबिसगंज आइसोलेशन सेंटर से युवक ने वीडियो बनाकर जारी किया है. युवक का कहना है कि वह सदर अस्पताल कोरोना जांच कराने गया था. वहां उससे सारी प्रक्रिया पूरी करवा ली गयी. उसके बाद सैंपल नहीं लिया गया. युवक को बताया गया कि कोरोना जांच सैंपल किट खत्म हो गया है, वह दूसरे दिन आकर अपना सैंपल दे दे. इसके बाद युवक अपने घर चला गया.
आइसोलेशन सेंटर में भर्ती युवक कह रहा है कि इस वाकये के तीसरे दिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा कॉल कर जानकारी दी गयी कि आपका रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया है. उसे तत्काल फारबिसगंज के आइसोलेशन सेंटर में भर्ती होने का फरमान सुना दिया गया. युवक कहता रहा कि मेरा कोरोना वायरस का सैंपल लिया गया ही नहीं तो रिपोर्ट पॉजिटिव कैसे हो गया. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से कॉल करने वाले ने कहा कि अगर वह आइसोलेशन सेंटर नहीं पहुंचा तो उसे पुलिस भेजकर बुलवाया जायेगा. परेशान युवक खुद साइकिल चलाता हुआ आइसोलेशन सेंटर पहुंचा, जहां उसे भर्ती कर लिया गया.
झूठ बोल रहा है युवक-स्वास्थ्य विभाग
उधर फारबिसगंज के कोरोना सेंटर के नोडल पदाधिकारी डॉ मोईज ने कहा कि युवक झूठ बोल रहा है. उसकी जांच हुई थी, जिसनें उसे पॉजिटिव पाया गया. युवक कह रहा है के उसका सैंपल लिया ही नहीं गया जबकि अस्पताल में 15 दिन पहले एक दिन के लिए जांच किट खत्म हुआ था. अगले ही दिन जांच किट आ गयी थी. उधर, अररिया के एसीएमओ डॉ सी पी मंडल ने कहा कि बिना सैंपल जांच के रिपोर्ट आना संभव ही नहीं है. युवक गलत बोल रहा है. फिर मामले की छानबीन की जा रही है.